Journal 6 :- दर्शन एवं Philosophy are not synonyms !! Ever wondered why ?
उस नाते वो
थोड़ी रूचि भी दिखाते हैं | और मैं उन्हें कम से कम वेदांत , उपनिषद् – इन शब्दों
से ही रूबरू करा पाती हूँ |
We can’t consider them as synonyms to each other.
तो अब चलिए फिर – इन शब्दों का अर्थ थोड़ी और गहराई से समझते
हैं |
Word etymology के जरिये :- जहाँ हम शब्दों के origin को समझ पाते हैं |
Philosophy :- Philo + Sophia
Philo means loving , fond of &
Sophia means knowledge, wisdom
So, basically philosophy means love for knowledge & wisdom.
अब दर्शन शब्द को समझते हैं –
दृश् यानि "देखना" |
देखने का मतलब हम समझते हैं – अपनी इन्द्रिय - आँखों से
देखना |
हालांकि आँखें तो बाहरी जगत की गति विधि को देखने के लिए जरिया है ही ; यहाँ देखने का अर्थ है - जगत को न देखकर – भीतर
खुद को देखना |
देखना अर्थात – to see yourself and the things as they
are.
जैसा कि श्री कृष्ण श्रीमद्भागवद्गीता अध्याय चार के
पैंतीसवे श्लोक (4.35) में कहते हैं – ज्ञान के द्वारा सब प्राणियों को , सब भूतों को
, मुझमे ही देख सकोगे |
Hmm ......
Philosophy = love for knowledge & wisdom
दर्शन = to see yourself and the
things as they are.
दर्शन में ज्ञान जरिया प्रतीत होता है – खुद को , जगत को
देखने का | ज्ञान अंतिम लक्ष्य तो नहीं |
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