Reading 27 :- संघर्ष :- सब नशे , सारी बेहोशी उतर जायेगी :- पाठ -२ नोट्स |
पाठ दो में सवाल पुछा जा रहा है – हम इतने बेहोश कैसे हो
जाते हैं ?
सवाल क्या होना चाहिए ?
अभी होश में तुरंत कैसे आयें ?
या अतीत में कैसे पहली बार बेहोशी का चयन किया ?
हमारा ये सवाल कि अहम् ने बेहोशी का चुनाव कैसे किया , ये
बेहोशी का ही चयन है |
पीछे बेहोशी की श्रृंखला अनंत है , तो ये सवाल हमें अनंत
समय तक बेहोश रहने का
अधिकार देती है |
शराबी को निम्बू पानी पीकर अपनी बेहोशी न उतारनी पड़े ,
इसलिए , वो एक के बाद एक सवाल करता है ये जानने के लिए कि उसे चढ़ी कैसे |
सवाल बस एक ही होना होता है – बेहोशी है , और इसे अभी
उतारनी है , बताओ कैसे उतरेगी ?
साप ने काटा है , तो जहर उतारने की तरकीब देख जान बचायेंगे
; कार्य – कारण की अनंत श्रृंखला में नहीं फसेंगे |
जो भी बेहोशी में कार्य हो रहा है , उसका justification ,
अपनी हरकतों को जायज ठहराना है जो बिलकुल गलत है | वो इसलिए करते हैं , ताकि अभी
की बेकार हालत बचाकर रखी जा सके |
कार्य – कारण का खेल
इस कार्य – कारण के खेल में नहीं पड़ना है |
causation कारणता धोखा होता है |
हर चीज का कारण अभी है , अतीत में नहीं |
अगर दुर्गति अभी हो रही है , तो उसका कारण “अभी” में
है |
दुर्गति इसलिए , क्यूंकि चुनाव है |
जब भी वेवकूफी करते हैं – तो बोलते है , इस वजह से करी |
नहीं – कारणता धोखा है | वेवकूफी चयन होती है , बस | वेहोशी पसंद है , इसलिए चुनाव
किया |
जो अन्दर वाली बेहोशी है , अहंकार वाली बेहोशी – वो नशा
तत्काल उतर सकता है | अभी चुनाव करो , अभी उतर जाना है |
नहीं उतर रहा , मतलब चुनाव बेहोशी का है |
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