Reading 35 :- संघर्ष :- पाठ 9 नोट्स- वृत्ति !!

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एक शब्द है – वर्तुल

वर्तुल यानी = गोल




जब हम इस वर्तुल में गोल गोल घूमते रहते हैं – दौड़ते रहते हैं – ये सोचकर कि मंजिल मिल जायेगी – ये कहलाती है वृति |

उदाहरण –

क्रोध , पछतावा ; क्रोध , पछतावा


उत्तेजना , सूखापन ; उत्तेजना , सूखापन ...



इसे जीवन – मरण का चक्र ; काल चक्र भी कहते हैं | 

और इसी से बाहर निकलने की बात संतों ने करी है |

अब जैसे हमें क्रोध आया और पछतावा हुआ ; पछताने के वक़्त हम निर्णय करते हैं – कि अबसे क्रोध नहीं करेंगे – पर वही गलती हम दुबारा करते हैं |

एक बार जिसके हाथों लुटे , उसी से दुबारा लुटने की उत्सुकता को कहते हैं – वृत्ति |

वृत्ति आदत है हमारी , पुरानी से पुरानी आदत का नाम है वृत्ति |


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